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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

"मन से मेहनत"

"मन से मेहनत"

2 mins
264


जो यहां करते मन से मेहनत

वो झुका देते अंबर तक जन

यह बात जो जानते,सज्जन

उन्हें शूल लगते,फूल छुअन


उनके न रुकते तब तक,कदम

जबतक न पा ले,मंजिल शुभम

वो बना दे बंजर भू का वो,मन

खिल उठता,वहां कोई उपवन


उनकी मेहनत में है,इतना दम

अमावस को कर देते है,पूनम

शोले भी लगते,उन्हें तो शबनम

जो मुसीबतों से लड़ते है,हरदम


जो यहां करते मन से मेहनत

वो झुका देते अंबर तक जन

आओ नित करे,हम परिश्रम

ओर अपने ख़्वाब पूरे करे,हम


दुनिया मे न बना,ऐसा बंधन

जो रोक सके कर्मवीर,कदम

वही लोग बनते,जग में चंदन

जो मेहनत से गुजारते,जीवन


पर जो मन से न करे,मेहनत

वो न पाते सफलता के खत

जो कर्म रण में दे देते,शहादत

उन्हें दुनिया देती,सदा इज्जत।


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