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Devendraa Kumar mishra

Tragedy

3  

Devendraa Kumar mishra

Tragedy

मन मसोसना

मन मसोसना

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हाँ, बहुत सुंदर हो तुम 

और तुम्हें पाने की चाह भी रखता हूं 

किन्तु जब टटोलता हूं अपनी जेब 

तो असहाय होकर कहना पड़ता है 

मैं तुम्हारी सुंदरता के लायक नहीं 

मेरी औकात नहीं, तुम्हें सौन्दर्य प्रसाधनों से 

खूबसूरत महंगे वस्त्रों से ढक सकूं 

एयरकंडीशन गाड़ियों और बंगलों में रख सकूं 

ताकि बनी रहे तुम्हारी सुंदरता 

सो पड़ता है मन को मसोसना



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