मन मन्द, मन्द ही श्याम आएं.......
मन मन्द, मन्द ही श्याम आएं.......
मन मन्द, मन्द ही मुस्काए.......
जाने कौन इस मन भाएं,
वो श्याम ही मन में आता है, जो मन मेरे मुस्कुराता है।
मन मन्द, मन्द ही शर्माए.......
जाने कौन है इस भाएं,
वो श्याम ही मन में आता है, जो मन मेरे शर्माता है।
मन मन्द, मन्द ही कह जाए.......
जाने कौन इस मन भाएं,
वो श्याम ही मन में आता है, जो मन मेरे कह जाता है।
मन मन्द, मन्द ही याद आए.......
जाने कौन इस मन भाएं,
वो श्याम ही याद आता है, जो तन मेरे समाता है।
मन मन्द, मन्द ही प्यार आए.......
जाने कौन इस मन भाएं,
ये प्यार श्याम पर आता है, जो हृदय मेरा रखाता है।
मन मन्द, मन्द ही सुन जाए.......
जाने कौन इस मन भाएं,
वो श्याम ही सुनने आता है, जो बिन कहे कह जाता है।
मन मन्द, मन्द ही दुआ आए.......
जाने कौन इस मन भाएं,
वो श्याम दुआ में आता है, जिसकी दुआ में करती हूँ।