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Deepti Tiwari

Abstract Classics

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Deepti Tiwari

Abstract Classics

मन कर गया

मन कर गया

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एक मौन के बाद कुछ बोलने का मन कर गया,

जैसे कुछ तुमसे कहने सुनने का मन कर गया,

फिर से पुकारो मेरा नाम की तुमसे सुनने का मन कर गया,

यूं ही फिर से कुछ बुनने का मन कर गया,  


सावन की बूंदों को चुनने का मन कर गया,

पतझड़ आने के पहले ही पत्तो को सहेजने का मन कर गया,

जैसे तुमसे कुछ कहने सुनने का मन कर गया,

बार बार गलतियां होती है मुझसे ये मुझे भी मालूम है,

पर तुमसे माफी मंगवाने का मन कर गया,


यू हट ना किया करो हर बार मुझसे,

की तुमसे इश्क फरमाने का मन कर गया,

मत जाया करो दूर मुझसे की तुम्हें सहेजने का मन कर गया,

कि तुम धूप से लगते हो तुम्हे छांव में वक्त बिताने का मन कर गया।


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