मन की बात
मन की बात
इजाजत हो तो कह दूँ मै अपने मन की बात,
अधरों पर खुशी का रंग चढ़े कर दो करामात।
चाँद सितारों की सैर पर संग निकले हम ,
मुमकिन हो तो कर दो आज इश्क की बरसात।
बासंती हवाओं संग प्रीत का मौसम लो आ गया,
मन की बात कह भी दो ना रोको दिल के जज़्बात।
मन की व्याकुलता बढने लगती है आहिस्ता आहिस्ता,
मन करता है कह दूँ दिल का हाल हो जब मुलाकात।
बहुत कहना चाहता है मन मेरा तुम से मत रोको मुझे,
कहने दो मन की सारी बात बीत ना जाये कही रात ।
तुम भी तो कहो ना कुछ मुझे अपने मन की बात आज,
इब्दिता करे ईशाद हो तो मुहब्बत की ख़ालिस शुरुआत।
तहजीब सीखा दो ना मेरे मन को नजाकत और कशिश भी,
अजमत मिले मुझे और तवज्जों भी हो जाये सुन्दर खयालात। ।