मन हो सके तो चलो ........
मन हो सके तो चलो ........
मन हो सके तो चलो
एक सपना ले आएँ गाँव से
मन हो सके तो चलो ...
मिट्टी का चुल्हा
मिट्टी का आँगन
धान की बालियाँ
पेड़ों की छाँव
एक सपना ले आएँ गाँव से
मन हो सके तो चलो ...
कुँए का पानी
चिड़ियों का झुण्ड
पुरवा के झोंके
टूटी सी खाट
एक सपना ले आएँ गाँव से
मन हो सके तो चलो....
फागुन के गीत
पायल की रुनझुन
ढोलक की थाप
और तेरा साथ ............
एक सपना ले आएँ गाँव से
मन हो सके तो चलो
धानी धानी चुनरी
धानी धानी चूड़ियाँ
पीतल की गगरी
तेरा इंतज़ार
एक सपना ले आएँ गाँव से
मन हो सके तो चलो ........।