मजदूर की मां
मजदूर की मां
सुना है देश आगे जा रहा
उन्नति कर रहा उन्नति में किसका हाथ है?
अरे उन गरीबो का
जिनके बच्चे बाल काल से ही मजदूर हैं।
और उनकी माएँ बदजात स्त्रियां कही जाती हैं।
उनके पास कुछ नहीं
हां, वे नसीब के कच्चे और सरकार के पक्के दुश्मन हैं
क्योंकि उन्होंने देश कि मिट्टी खुरोद कर खायी है ।
सरकार मार डालना चाहती है उन बेचारे गरीबो को
जिनको नशों में बहता है लाचारी का पसीना
हाय कोरोना कोरोनो
उन बेचारों ने अपनी लंगोट में
पगड़ी में दबा कर खाई पार की है
थोड़ा सा भी डगमग होता तो उनकी मौत हो जाती
संशय दूर हुआ
अब तो उन्हें कपड़ा खाना और एक घर दो ।