मित्रों से जुड़ना
मित्रों से जुड़ना


आपके फ्रेंड रिक्वेस्टों का,
हम सदा सम्मान करते हैं !
बड़े छोटों से हमको क्या,
सभी को सलाम करते हैं !
आपके प्रोफाइलों के हर
बिन्दुओं को हम देखते हैं !
हमारे मन को जो खींचें
उसे हम स्वीकार करते हैं !
हमारी सोच की झलक,
लेखनी में ही मिलती है !
हमारी भंगिमा की श्रेष्ठता,
तस्वीरों से निकलती है !
उसी को अपना बनाने का,
ह्रदय फिर झूम उठता है !
झटपट अपना बनाने को,
हमारा यह मन मचलता है !
विचारों में कभी-कभी,
विभेद को यदि हम पाएंगे !
गिला शिकवा जुबां पे कभी,
हम भूले से नहीं लायेंगे !
निष्क्रियता असंवेदनशीलता,
के घृणित बू हमें भाते नहीं !
किसी के जुड़ने के बाद भी,
तौड़ना फिर हमें आते नहीं !
मित्र बनके मित्रता की बात,
का तिरस्कार करना नहीं !
फ्रेंड जैसे बन गए हो आज,
मौनता में कभी रहना नहीं !