Seema Singhal

Classics

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Seema Singhal

Classics

मित्र

मित्र

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दोस्‍त जब कहता है 

मेरे रहते तुम्‍हारा कोई

कुछ नहीं कर पाएगा 


टूटती हुई उम्‍मीद

छूटता हुआ हौसला 

मानो वापस लौट आता है 


दोस्‍त के इन शब्‍दों में 

मन का कोई कोना

दोस्‍ती के इस ज़ज्‍बे पर 

अपना सब कुछ

कुर्बान करना चाहता है 


एक कोई होता है जो

बहुत खास होता है 

कितनी भी दूर हो वो 

सदा दिल के पास होता है 


भीड़ में एक अलग चेहरा 

जो सिर्फ तुम्‍हारी परवाह करता है 

डगमगाते हैं जब भी कदम 

वह आगे बढ़कर सम्‍भाल लेता है 


ये मेरे साथ ही नहीं 

आप सबके साथ होता है 

दोस्‍ती पर जिनको

दिल से विश्‍वास होता है 


उनका दोस्‍त हमेशा

उनके पास होता है !


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