महफूज़
महफूज़
रहना है मुझे इतना करीब
दूर होकर भी नहीं रहना
इतना दूर कि एक दिन
तुमसे जुदा होकर भी
जुदा न हो सकूँ
क्योंकि किया है तुमसे
इतना वादा कि अब
मर के भी तेरा
होना है इतना दीवाना कि
मैं जहां भी रहूँ
पर तेरी दुआ में महफूज़ रहूँ
इतनी मेहरबानी तू कर दे।