Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

कवि धरम सिंह मालवीय

Inspirational

3  

कवि धरम सिंह मालवीय

Inspirational

महबूब मेरे ये देश मेरे

महबूब मेरे ये देश मेरे

1 min
12.1K


महबूब मेरे ऐ देश मेरे

महबूब मेरे ऐ देश मेरे

तुझ पर कुर्बान मैं हो जाऊँ

दुनिया की धूप से सुकूं मिले

गर तेरी गोद मे सो जाऊँ।


तू मुझसे जुदा न होगा कभी

दिल तुझसे खफा न होगा कभी 

दुनिया होती तो हो जाये 

पर तू वेवफा न होगा कभी

तू दरिया इक बूंद हूँ मैं 

तुझमे गिर कर मैं खो जाऊँ 

महबूब मेरे ये देश मेरे।


ये लाल तेरे कुर्बान हुए

सैनिक औऱ किसान हुए

महबूब वतन तेरी चाहत में

हस्ते हस्ते बलिदान हुए

मेरी भी हसरत आज यही 

कुर्बान तुझी पर हो जाऊँ

महबूब मेरे ये देश मेरे।


जितना जीवन हो चंगा मिले

मरते दम मुझको गंगा मिले

मेरे दिल की तमन्ना यही अब

मरू तो क़फ़न तिरंगा मिले

मैं अपने बुजुर्गों की ही तरह

इतिहास मे तेरे मैं हो जाऊं

महबूब मेरे ये देश मेरे।


जन्नत की तमन्ना हमको नहीं

ताज़ो की तमन्ना हमको नहीं

देना हो तो हमको तू दे मौला

दौलत की तमन्ना हमको नहीं

मेरे दिल को ख्वाहिश यही हैं

निश दिन वन्देमातरम को जाऊँ।


महबूब मेरे ऐ देश मेरे 

तुझ पर कुर्बान में हो जाऊं

दुनिया की धूप से सुकूँ मिले

गर तेरी गोद मे सो जाऊँ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational