महामारी का समय है
महामारी का समय है
पाँव रख संभालकर
महामारी का समय है
फन फैलाये
फुफकार रहे हैं काले नाग
ड़स रहे आदमी, आदमी को ...
वर्तमान सरकारें हो चुकी हैं
पूर्णरूप से नाकाम
खड़े करके दोनों हाथ
छोड़ दिये गरीब-मजदूर मरने-कटने स्वयं के भाग्य पर
सारा देश चल रहा है
राम भरोसे !
सरकार चलाने वाले जब भी मुँह खोलते हैं
सिर्फ ढेंचू-ढेंचू की आवाज निकालते हैं
पता नहीं ये कोरोना वायरस
प्रकृति का कहर है या
कोई सरकारी साजिश
मौत का अट्ठाहास
तिल-तिल मार रहा गरीबों को
कोरोना वायरस तो मजदूरों से ड़र गया
पर भूखरुपी वायरस से मजदूर हार गया
ये जिंदगी और मौत का समय है
महामारी का समय है।