मेरी यादगार दिपावली...अध्याय:२
मेरी यादगार दिपावली...अध्याय:२
यह यात्रा शरदपूर्णिमा से शुरू होती है
ऐसा होता है, बच्चों के चेहरे उदास
उत्साह उमड़ता है,
लक्ष्मी पूजन से
घर धन धन्य समृद्धि
बाढ़ आती है, कलिचुदश का पर्व अशुद्धियों को दूर करता है, महाकाली, हनुमान पूजा का है महत्व, जो
दुष्ट तत्व, नकारात्मक
शक्ति का उछाल है
जिस दिन का आप इंतजार कर रहे थे, वह दिन आ गया है, राम रावण पर विजय
अवध लौटने की खुशी में अवध दीवा की ज्योति से जगमगा उठा।
दीयों से जगमगाती चाँदनी रात,
यह पावन पर्व है दीपावली,
पटाखों का फोड़
जागो, मशाल थाम लो
दीये की लौ से जगमगाते,
जो देती है खुशियों की सौगात,
जो यादगार है...
दूसरे दिन क्यों किया?
मत भूलो यह नया है
साल का आगमन जो एक दूसरे के
विष जैसे दोषों को दूर कर
एक दूसरे को सुख और आनंद का उपहार देता है।
कहा जाता है कि मृत्यु के देवता हरखता हरखता
यमुना की बहन से मिलने आए थे
पवन पर्व मनाया जाता है,
चोरी हो गई त्योहार की खुशियां
फिर आता है उद्घाटन
यह एक त्योहार है,
लाभ व्यापार में लाभ के साथ आता है,
लेकिन लाभ अच्छे इरादों वाले लोगों के लिए सही है
कड़ी मेहनत, त्यौहार
ग़म में भी सुख पाना सिखाती है,
आओ मिलकर ऐसा पर्व मनाएं।