मेरी शान मेरे बाल!
मेरी शान मेरे बाल!
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थे बाल थी खुशियां
उड़े बाल गई खुशियां
शायद प्यार था नहीं
उनको बेशक मुझसे
बालों की थी वो
बेहद मेरी दिवानी
मरता था मैं हुस्न पे
वो पागल थी मेरी जुल्फों पे
लगी नजर मोहब्बत को
उड़ने लगे हर बाल
दोष दूं क्या प्रदूषण को
खुद का किया न ख्याल
शुद्ध भोजन के अभाव में
झड़ने लगे जब बाल