मेरी कलम
मेरी कलम
मेरी कलम मेरी सच्ची साथी
कलम है कदमो को बढा़ती
जीवन के हर रंग को
शब्दों से भर जाती
कभी आसमान की सैर कराती
कभी अपनो से धूर कर जाती
कभी हसांती कभी रूलाती
नई दिशा दिखाती
जब जब उठाती
कलम मेरी मुझे संवारती
इसके संग रहना है,
दूसरा नही मेरा गहना।