मेरी कलम
मेरी कलम
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मेरे मन को समझने वाली
मेरी कलम जुड़ी हैं रूह से
समेट लेती हैं मेरे लफ़्ज़ों को
और बिखेर दे क़िर्तास पर
उड़ान दे जो मेरे सपनों को
मेरे ग़म मे जो सहारा बने
ठहर जाए उम्मीद का सागर
हौसले की एक लहर बने
मेरी कलम मेरी सखी है
मेरी गुरू मेरी सहायक
मेरी निर्देशक मेरी कलम
मुझे बनाती जीवन का
नायक........।