मेरी कामना
मेरी कामना




उन्मुक्त गगन में
विचरना
भय रहित
स्वक्षंद चलना,
आत्मबल हो
ह्रदय में
मोह की छाया
न पनपे ,
सत्य के हथियार से
साकार कर लें
आज सपने
उन्मुक्त गगन में
विचरना
भय रहित
स्वक्षंद चलना,
आत्मबल हो
ह्रदय में
मोह की छाया
न पनपे ,
सत्य के हथियार से
साकार कर लें
आज सपने