मेरे उसूल
मेरे उसूल
मुझे मेरे ही उसूलों ने बांध रखा है
मां बाप के आशीर्वाद ने थाम रखा है
कोई फूल बनकर हमें चुभता है
कोई कांटा बनकर हमें डसता है
अनसुलझे अनबुझे रिश्तों में उलझे
हमें बुरे वक्त कब किसने साथ दिया है।
मुझे मेरे ही उसूलों ने बांध रखा है
मां बाप के आशीर्वाद ने थाम रखा है
कोई फूल बनकर हमें चुभता है
कोई कांटा बनकर हमें डसता है
अनसुलझे अनबुझे रिश्तों में उलझे
हमें बुरे वक्त कब किसने साथ दिया है।