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Rashminder Singh

Abstract

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Rashminder Singh

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मेरे सपनों का भारत

मेरे सपनों का भारत

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जहाँ दया और प्रेम हो सबके मन में 

ऐसा लगे जैसे मयूर नाचे वन में 

जहाँ विश्वास पे टिकी हो कर्तव्य की ईमारत

ऐसा है मेरे सपनों का भारत


जहाँ अमीर गरीब में भेदभाव ना हो

जहाँ चारों और सिर्फ शांति और अमन हो

आतंकी कोई कर ना सके कैसी भी शरारत

ऐसा है मेरे सपनों का भारत


जहाँ इंसानियत हो परमो धर्म

मेहनत और लगन से करें हर कर्म

रहे सब में अव्वल चाहे कोई भी हो तिजारत

ऐसा है मेरे सपनों का भारत


आओ मिल कर करें यह प्रण

बनाएँ देश को पहले सा स्वर्ण 

करें अपने अपने विषय में सब अपनी महारथ 

और एक महान बनें हमारे सपनों का भारत

ऐसा हो हमारे सपनों का भारत।


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