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Sachin Gupta

Romance Classics Inspirational

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Sachin Gupta

Romance Classics Inspirational

मेरे हमसफर

मेरे हमसफर

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मेरे हमसफ़र, मेरे हमसफ़र 

तू रुक जरा 

तू साथ मेरे चल जरा 

मेरे हमसफ़र, मेरे हमसफ़र।

 

राह बड़ी पड़ी है लंबी मगर 

तू रुक जारा 

तू साथ मेरे चल जरा 

मेरे हमसफ़र, मेरे हमसफ़र।

 

जमाना वो गुजर गया 

जो था कभी,

तेरा मेरा,मेरे तेरा 

अब वक्त गया बदल यहाँ।

 

मेरे हमसफ़र, मेरे हमसफ़र 

तू रुक जरा 

तू साथ मेरे चल जरा।

 

चलो साथ चलते हैं 

कुछ खयालों में 

कुछ पुरानी यादों में 

 

बड़ा रंगीन है 

जेहन मेरा , जेहन तेरा 

 

मेरे हमसफ़र, मेरे हमसफ़र 

तू रुक जरा 

तू साथ मेरे चल जरा।

 

हमने तो साथ एक दूजे के 

भरोसा किया। 

बंद कर आँखों में 

एक दूजे को रहने दिया 

अब उम्र गया है ढल, मगर 

दिल अभी भी 

है जवान , है जवान।

 

मेरे हमसफ़र, मेरे हमसफ़र 

तू रुक जरा 

तू साथ मेरे चल जरा।

 

चलो ओर थोड़ी दूर साथ चलते है 

कुछ साँसे है मेरे पास 

कुछ है साँसे तेरे पास।

 

मेरे हमसफ़र, मेरे हमसफ़र 

तू रुक जरा 

तू साथ मेरे चल जरा।

 

मुझे लगता नहीं है डर 

मौत तेरे आने से 

डर लगता है मुझे 

साथ मेरे हमसफ़र से बिछड़ जाने से।

 

पर मैंने रब से मांगी है एक दुआ 

ले चलना तू बेशक मुझे 

पर रुक जरा 

मेरे हमसफ़र भी तैयार है 

साथ मेरे आने को। 

 

मेरे हमसफ़र, मेरे हमसफ़र 

तू रुक जरा 

तू साथ मेरे चल जरा। 


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