मेरे हमसफ़र
मेरे हमसफ़र
क्या बताऊं, क्या लिखूं और क्या बयां करूं
तुम्हारे साथ होने की खुशी जाहिर कैसे करूं,
खुशियां तुम्हारे साथ थोड़ी ज्यादा होने लगी हैं
लगता है जैसे सफर में फूलों सी बौछार होने लगी है।
ये दिन,ये राते,ये तुम्हारे साथ बीत रही जिंदगी
मानो जैसे चुरा ले आई हूं मैं, किस्मत की रेखाओं से।।
यूं तुम्हारा थोड़ा ज्यादा मेरा हो जाना यूं थोड़ा मेरा ,तुम्हारा हो जाना
मानो जैसे सादी सी जिंदगी में,पूरे संसार का प्रेम मिल जाना।।
यूं आंखो ही आंखो से समझ जाना,
कभी तुम्हारा हंसना तो कभी मुझे हसाना
मानो जैसे फूलों से भरी जिंदगी में
सबसे खूबूसरत कमल का खिल जाना।।
यूं हाथ पकड़ साथ चलना,
यूं मेरा तुम पर वजह -बेवजह हक जताना
उफ्फ हाल ए जिंदगी जैसे खूबसूरत कश्मीर सी होने लगी है।।