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Pinky Khandelwal

Abstract

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Pinky Khandelwal

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मेरे हमसफ़र

मेरे हमसफ़र

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साथ पिया का हरपल रहे,

मांगू प्रभू बस इतना मैं तुमसे,


वहीं तो मेरा सोलह श्रृंगार है,

उनसे ही जगमगाता मेरा संसार है,


उतार चढ़ाव जिंदगी के चलते रहते,

उनके हर सुख दुख में बांट लूं,


वो बस सदा मुस्कुराते रहे,

इससे ज्यादा की कुछ चाहत नहीं है,


मेरे हमसफ़र मेरे अस्तित्व की पहचान है,

वहीं तो मेरे माथे का कुमकुम और सोलह श्रृंगार है,


होती रहती छोटी बड़ी अनबन,

क्योंकि वही तो हमारे रिश्ते की पहचान है,


बस दूरियां कभी न आएं,

ऐसा आर्शीवाद बनाए रखना प्रभू,


और क्या मांगू आपसे प्रभू,

बस मेरा अमर सुहाग बनाए रखना।


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