मेरे एहसास
मेरे एहसास
मैं क्यों परवाह करूँ कि लोग क्या कहते हैं,
मुझे तो बस मतलब हैं अपने किये अच्छे कर्मों से,
सत्य की राह पर चलना मेरी आदत है,
रास्ता चाहे थोड़ा लम्बा और कठिन हो,
हर बात पर उंगली उठाने वालों की
कमी नहीं है इस जहां में,
पत्थर बरसाने वालो की भी
कमी नहीं इस जहान में,
हमको उनसे क्या लेना देना
जो जी आये वो करे,
पर गुजारिश फिर भी सबसे की
वो ही पत्थर उठाये मारने को,
जिसका अपना दामन साफ हो मैला ना हो,
हम खुद कि तारीफ कभी करते नहीं
बस अपने कर्मो पर विश्वास करते है,
भाग्य का फैसला क्या है ये ऊपर वाला ही जाने,
उसके किसी फैसले पर हम उंगली उठाते नही,
उसका हर फैसला दिल से कबूल कर लेते है,
मेरे एहसास ही मेरे लिए सब कुछ है,
हम उनको शब्दो मे मोतियो की तरह पिरोते है,
अब किसी को पसंद आए या
ना आये ये तो उनको मर्ज़ी है,
हम किसी के लिए नहीं अपनी खुशी के लिखते हैं।