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Vinod Kumar Mishra

Others

5.0  

Vinod Kumar Mishra

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मेंहदी

मेंहदी

1 min
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बालों में सजा के गजरा

नयनों में लगा के कजरा

आसमान में छाये बदरा

मेंहदी तुझे पुकार रही है।


कारे-कारे बादल छाये

उमड़ घुमड़ कर हिय निअराये

बेदर्दी अब प्यास सताये

मेंहदी तुझे निहार रही है।


यह मौसम बड़ा सुहाना है

अरमानों सेज सजाना है

प्रियतम ही राज खजाना है

मेंहदी तुझे गुहार रही है।


ऐसे में आ जा हरजाई

हर मर्ज की तू ही दवाई

फुहारों सँग बहारें आई

मेंहदी तुझे दुलार रही है।



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