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Dinesh Dubey

Abstract

3  

Dinesh Dubey

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मधुशाला

मधुशाला

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मधुशाला बन गए बार 

हाला बन गए प्याला ,

पियक्कड़ बन गए शराबी ,

खतम हुई मधुशाला!


कहलाती थीं पहले 

अंगूर की बेटी अलबेली ,

अब हो गई व्हिस्की रिस्की 

रम भगाता गम है कहते!!


वोदका, वाइन ,व्हिस्की 

अब इसके आगे चलती न किसकी ,

देशी से विदेशी पर आ गए,

यहां भी अंग्रेज छा गए।



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