मौन की आवाज
मौन की आवाज
कहते हैं मौन में आवाज नहीं
पर इसमें भी छुपा है दर्द कहीं
आवाज शोर मचाती है
पर मौन भी दर्द दिखाती है
हर कोई समझे या ना समझे
पर मौन भी है बहुत कुछ कहता
कोई सुने या ना सुने
पर मौन है एक अनसुनी आवाज
जब हृदय भारी है हो जाता
तब मौन भी है शोर मचाता
मौन कभी इनकार करता
और कभी इकरार भी करता
इसका अपना है एक आधार
मौन की शक्ति भी होती अपार
इसकी ना है कोई भाषा
और ना ही कोई परिभाषा
इसकी भी एक आगाज़ है
मौन की भी एक आवाज है
यूं तो मौन चुप ही है रहता
पर भी बहुत कुछ है कहता
कोलाहल के बीच लगती नहीं पुकार
मौन में ही दिखती है अस्तित्व की पुकार।