मैं वो हूँ
मैं वो हूँ
जानकर भी कोई मुझे जान नहींं सकता
मैं वो हूँ जो हर कोई बन नहींं सकता
इरादे मजबूत है ऐसे जो टूट नहींं सकते
सपने पलकों पर जो पीछे छूट नहींं सकते
तुम तोड़ोगे पर मैं खुद ही जुड़ती जाऊंगी
मोहताज नहीं हम वक्त सबका आता है
चुप है हम क्योंकि वो खुद सब बताता है।
चाल चलते हुए कुछ अपनों को देखा है
रंग बदलना भी मैनें उनसे ही सीखा है
निभा लो तुम दुश्मनी मौका अच्छा है
जीत बताएगी कौन कितना सच्चा है
दोस्तों के दिखावें अब ताने कसते है
रोते है मन में पर सामने खूब हँसते है।
तुम गिरा लो पर हम उड़ना भी जानते है
इस होनी को हम इम्तिहान मानते है
ये दर्द और तकलीफ मेरे ही साथी है
कुछ घावों का भरना अब भी बाकी है
ठान लो तुम और हमने खाई कसम यही
मैं वो हूँ जिसे तोड़ने का तुम में दम नहींं