मैं हुँ आज की नारी
मैं हुँ आज की नारी
मैं अंबर हूँ मैं तारा हूँ
मैं एक खूबसूरत नज़ारा हूँ
मैं हवा हूँ
मैं फ़िज़ा हूँ
मैं धरती पर एक सुन्दर ख्वाब हूँ
जिसका हर कोई दीवाना है
जिसकी है आँखें काली काली
जो हर काम मैं है भारी
मैं हूँ एक नन्ही परी जिसे लोगों ने पैदा होने से पहले ही मारा है
मैं हूँ वो जो वक़्त आने पर देश भी चला सकती है
मैं हूँ वो जो कभी हार नहीं मानती
मैं माँ बन बच्चे को पालती हूँ
मैं एक बीवी बन घर संभालती हूँ
मैं हूँ नया आविष्कार
मैं हूँ वो जो हर दर्द सह के भी आगे बढ़ना जानती है
मैं हूँ वो जो अपने माँ बाप की सेवा करती है
मैं हूँ वो जो हर गम में भी खुश होना जानती है
मैं हूँ जो दुनिया में नया बदलाव लाना चाहती है
मैं हूँ आज की नारी
जो है सब पे भारी
जो अपना नाम करके जाएगी।