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AVINASH KUMAR

Romance Tragedy

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AVINASH KUMAR

Romance Tragedy

मैं अपने जज़्बात दफ़न कर दूंगा

मैं अपने जज़्बात दफ़न कर दूंगा

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मैं अपने जज़्बात दफ़न कर दूंगा,

तुम मेरी खामोशियों को समझ जाओगे न।


मैं तुम तक हर बढ़ते कदम को रोकूंगा,

तुम मेरी बेबसीयों को समझ जाओगे न।


मैं हर बार चाहत से इंकार करूंगा,

तुम मेरे दिल के हालात समझ जाओगे न।


मैं तुम्हे खुद से दूर जाने को कहूंगा,

तुम मेरी मजबूरियों को समझ जाओगे न।


तुम पूछोगे इश्क़ है ? मैं पलकें झुका दूंगा,

तुम मेरी ना में उलझी हां समझ जाओगे न।


मैं ठहर जाऊंगी अपने दायरों में हर बार,

तुम मेरी इन बेचैनियों को समझ जाओगे न।


मैं इन्कार करूंगा तुम्हारे हर जज़्बात से,

तुम धड़कनों के इकरार को समझ जाओगे न।


मैं चुपके से देखूंगा हर ख़्वाब तुम्हारा,

तुम मेरी बेरौनक हक़ीक़त समझ जाओगे न।


मैं मुझ तक का हर रास्ता बंद कर दूंगा,

तुम मेरे इकतरफा इंतजार को समझ जाओगे न।


मैं बंद कर लूंगा आंखे किसी और का होकर,

तुम कहीं किसी और में थोड़ा सा मेरे रह जाओगे न।


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