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Antariksha Saha

Tragedy Fantasy

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Antariksha Saha

Tragedy Fantasy

मै रोया बहुत देर

मै रोया बहुत देर

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मैं रोया था बहुत देर

अपना जिन्हें समझा वही लोग तमाशा देखते रह गए

मैं रोया बहुत देर


हालात पर ज्ञान बहुत मिलते है

तुम्हारी कोई सांत्वना नहीं चाहिए


ज़रा सा सुनने वाला चाहिए

सब ठीक होगा कहने वाला चाहिए


गलतियां हमें भी पता है

याद ना दिलाकर हाथ पकड़ने वाला चाहिए


मैं रोया बहुत देर

मेरे साथ जो हुआ वो चुप चाप सुनने वाला चाहिए


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