Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Kishan Negi

Others

4.5  

Kishan Negi

Others

माटी के मोल

माटी के मोल

1 min
345


कभी कभी दिल में

जाने क्यों ये खयाल आता है

इंसान इस जहाँ में

खुद से ख़फ़ा-ख़फ़ा क्यों रहता है

पल दो पल की तो है ये जिंदगी

मगर कौन समझाए उसको

जो कुछ भी हासिल किया है अब तक

कल बिक जायेगा माटी के मोल

पीछे छूट जाएंगे कदमों के निशान

सांसों की घुटन, बेचैन आंखों की चुभन

जो कल तक थे नदारद 

जुट जाएंगे वही यार कांधा देने को

दम तोड़ती चंद सांसे, फड़फड़ाती धड़कनें

हो जाएंगी जुदा पल भर में

जो अपने हैं झाड़ लेंगे पल्ला

कुछ आंसू टपकाकर

बस इतनी-सी औकात है 

जिन्दा लाश की मुर्दा इंसानों के शहर में

सब भूल जाएंगे कि जाने वाला कौन था

जो चला गया क्या था रिश्ता उससे

यही फ़ितरत है हर इंसान की

यही दस्तूर है यहां ज़माने का युगों-युगों से 



Rate this content
Log in