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R.SUKANYA RAGHAVAN

Inspirational

4.5  

R.SUKANYA RAGHAVAN

Inspirational

माँ

माँ

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माँ तुम कितनी अच्छी हो 

मैं जितनी शरारती करते समय 

दिखाती बहुत प्यार तुम 

सहेली जैसे मेरी तू 


सहन सबकुछ देवी तू 

खाना खिलाती, गाना सिखाती 

गलतियों से बचाती 

क्षमा भी करती, तालियाँ बजाती 


तेरी बातें शहद से मीठी 

वादा करती तुम्हें, भूलूँ नहीं कभी 

चाँद जैसा मनवाली, मेरी प्यारी माँ 

हमेशा तुझे मैं याद में रखूँ देवी माँ।


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