माँ
माँ
उस दिल का दर्द कैसे बयां करूँ
जिसके पास माँ का साथ नहीं
स्मृतियाँ ही शेष हैं !
कैसे बयां करूँ
साथ बिताया हर पल
कितना विशेष हैं !
जो दूर करदे सारी थकान
उसकी छुअन में वो अहसास हैं !
वो दूर करदे सारा खालीपन
जीवन की ऐसी मिठास हैं !
किस्मत कहुँ या कहुँ खुशनसीबी !
जिनकी माँ उनके पास हैं !
कभी यादो में तो कभी आदतों में
वो एक परछाई सी
कभी जुदा नहीं होती है !
वो एक माँ ही है
जिसकी जान हमेशा
हमारी जान में समायी होती है।