माँ
माँ
७० कदम चलीं हैं अभी तो,
आगे बहुत चलना बाकी है।
अभी तो आपने मुकाम पाया है,
अभी ग्रैंड चिल्ड्रेन को,
मुकाम पर देखना बाकी है।।
याद है हमें आपका यूँ,
बीमारी में उठकर चलना,
रात-रात भर जगना।
विश्वास से आगे बढ़ना,
धर्म के साथ रहना।।
जब दवाओं ने काम नहीं किया,
आपकी दुआएँ काम आईं।
माँ आपकी वो सारी सदाएँ याद आईं।।
जब भी हुए हम मन से तंग,
सदैव रहीं आप हमारे संग।
दिखा नहीं कोई भी ख्वाब हमें कम,
बरबस हम पा गए वो सारे रंग।
आपकी याद से ही खुशियाँ करीब आ गई,
आपके आते ही जन्नत नज़र आ गई।
आपको न कभी रुठते देखा है,
न कभी टूटते देखा है,
न कभी चिंता में खोते देखा है।
आत्मविश्वास की प्रतिमूर्ति हैं आप,
सदैव आपको खिलते देखा है।
भूलाकर अपना अस्तित्व,
हमें अस्तित्व दिया है।।
दिन के चारों पहर में आपने,
हम सबको अपना साथ दिया है।
सदैव रहकर पा के साथ,
उन्हें हौसला दिया है।।