माँ।
माँ।
माँ ! तेरे आँचल में जो इतना प्यार नहीं होता
सचमुच इतना सुन्दर मेरा संसार नहीं होता।
मैं बिखर जाता यहाँ तिनके की तरह
तेरी ममता का मिला आधार नहीं होता।
तेरे हाथ अगर मेरी पतवार नहीं बनते
मैं जिन्दगी के भँवर के पार नहीं होता।
इन आँखों की रोशनी का क्या करना
तेरी सूरत का यदि दीदार नहीं होता।
माँ एक शब्द नहीं, जमीं पर अवतार है
जिसकी दुआ के बिना उद्धार नहीं होता।