माँ
माँ
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जब आँखें खोलो तो माँ की
गोदी का एक सहारा था,
उसके चेहरे की झलक देख
चेहरे फूलों सा खिलता था।
हाथों से बालों को नोचा,
पैरो से खूब मारा किया
उसके स्तन के एक बूँद से
मुझ को जीवन मिलता था।
फिर भी उस माँ ने पुचकारा,
हमको जी भर के प्यार किया।