माँ तुझे सलाम
माँ तुझे सलाम
यूँ तो लफ्ज़ नहीं कोई जिनमें
तुम्हारे प्यार को बयां कर सकूँ माँ
फिर भी ना जाने क्यों छोटी सी
कोशिश करने को जी चाहता है
अँधेरी है ये दुनिया किस तरफ
मूढ़ते ये रास्ते और गलियां माँ
सिर्फ तुम्हारे बताये हुए मार्ग पर
चलने को जी चाहता है
विश्वास है तो बस तुम्हारे बताये
हर रिश्ते में और बातों में
अब फरेब से भरी इस दुनिया से
दूर रहने को जी चाहता है
बचा लेती हो रास्ते की हर
कठिनाई से तुम मेरे साथ होकर
बस बचपन की तरह हर जगह
तुम्हारे साथ चलने को जी चाहता है
बोलकर भी बातों और एहसासों को
समझने की शक्ति नहीं किसी और में
बिन बोले सब जानो तुम इसलिए
हर बात तुम्हें बताने को जी चाहता है
मेरी छोटी सी ख़ुशी में बहुत मुस्काती हो तुम
दुःख में आँसू बहाती हो
हर ख़ुशी बांटकर तुमसे
तुम्हारे साथ मुस्कुराने को जी चाहता है
वक़्त की आंधी बहुत तेज है
झक झोल देने वाली है माँ
तुम जैसा तीव्र बनकर इस
आशियाने में रहने को जी चाहता है
कभी अकेला न छोड़ देना महफ़िल में
थक गयी हूँ अब में माँ
हर रोज तुम्हारी गोद में सर रखकर
सोने को जी चाहता है
यूँ तो लफ्ज़ नहीं कोई जिनमें
तुम्हारे प्यार को बयां कर सकूँ माँ
फिर भी ना जाने क्यों छोटी सी
कोशिश करने को जी चाहता है