माँ की चमक
माँ की चमक
माँ के आभामंडल की चमक के क्या कहने
उनके प्यार स्नेहदुलार की असीमा के क्या कहने
तेरी चमक से है चमकी दुनिया मेरी
माँ सब दुःख दर्द सहन करके भी
लुटाती हमेशा अपना निस्वार्थ प्यार
सदा बच्चों की खुशी में ही ढुंढे अपना संसार
माँ के स्नेह की शक्ति की चमक बेमिसाल
जिसका करते दानव नर नारायण अभिमान
बस माँ सत्यनिष्ठा स्वाभिमान का दो वरदान
साहस निडरता से करपाऊँ अन्याय का अंत
आभार करूँ सभ्यता व संस्कारों का
आपके सहयोग से होगा संस्कारों पर अभिमान
और इससे रोशन होगा माँ का नाम
और चमकेगा बढ़ेगा माँ का सम्मान।।