अनामिका वैश्य आईना
Romance Classics
है सफलता दिखाता
संघर्षी जीवन
जोड़ लक्ष्य से बंधन।
अपनों से दूरी
बहुत बड़ी मज़बूरी
जीवन बेनूरी।
बसंत ऋतु
देश भक्ति गीत
आंखों में बसे...
बिजली सी गिर ...
बहुरूपिया
माँ - मुक्तक
गीत अधूरा
डगर
मैं हिन्दी हू...
हिन्दी पर हाइ...
इश्क़ के समंदर में जीवन नैया पार करता ही रह गया I इश्क़ के समंदर में जीवन नैया पार करता ही रह गया I
न जानूँ मैं इश्क़ क्या है? और कौन इश्क़ करता है! न जानूँ मैं इश्क़ क्या है? और कौन इश्क़ करता है!
नींद भी उड़ गयी चैन भी लुट गया, इस बीमारी कि थोड़ी दवा कीजिए। नींद भी उड़ गयी चैन भी लुट गया, इस बीमारी कि थोड़ी दवा कीजिए।
मन मुस्काये दबा दबा सा मन है सहमा सहमा सा, मन मुस्काये दबा दबा सा मन है सहमा सहमा सा,
तेरे मेरे रिश्ते को, क्या नाम दूं,? तेरे मेरे रिश्ते को, क्या नाम दूं,?
जीवन की अंतिम बेला में जीवन गीत सुनाना तुमको। जीवन की अंतिम बेला में जीवन गीत सुनाना तुमको।
ऐसे ना हमको सताया करो, ऐसे ना हमे याद आया करो। ऐसे ना हमको सताया करो, ऐसे ना हमे याद आया करो।
एक प्यारा सा अहसास हो तुम। हर पल रहते दिल के पास हो तुम।। एक प्यारा सा अहसास हो तुम। हर पल रहते दिल के पास हो तुम।।
फिर हमने भी तेरे घर से गुजरना छाेड़ दिया। फिर हमने भी तेरे घर से गुजरना छाेड़ दिया।
तमन्ना है मेरी कान्हा तेरा साथ हो, कुछ पल के लिये नही हर पल हो। तमन्ना है मेरी कान्हा तेरा साथ हो, कुछ पल के लिये नही हर पल हो।
या नन्ही गुड़िया संग झूम रही है ? ये झीनी सी ख़ुशबू क्या कह रही है ? या नन्ही गुड़िया संग झूम रही है ? ये झीनी सी ख़ुशबू क्या कह रही है ?
सांसों में महकते हो जब तुम आते हो। लौट तेरा जाना कांटा सा चुभो जाना। सांसों में महकते हो जब तुम आते हो। लौट तेरा जाना कांटा सा चुभो जाना।
आज दोनों को एक ही ऑफिस में मिल गई नौकरी दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा। आज दोनों को एक ही ऑफिस में मिल गई नौकरी दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा।
बस इतनी सी बात चाय पर हो मुलाकात… बस इतनी सी बात चाय पर हो मुलाकात…
उसके अधरों पर रखे अधर भूल गया मै भी पल भर। उसके अधरों पर रखे अधर भूल गया मै भी पल भर।
जो बात नहीं क्यों वो बात करना चाहता।। जो बात नहीं क्यों वो बात करना चाहता।।
जो मिले तेरी इज़ाज़त; तो सँवार दूँ ये ज़ुल्फ़ें, तेरे गेसुओं की खुशबू; ज्यूँ महकती रात रानी जो मिले तेरी इज़ाज़त; तो सँवार दूँ ये ज़ुल्फ़ें, तेरे गेसुओं की खुशबू; ज्यूँ महकती ...
मैं कटघरे में अदालत का भरम टूट गया। मैं कटघरे में अदालत का भरम टूट गया।
हैरान हैं इस बात से कि हम तो एक पल भी बात किये बिन रह नहीं पाते... हैरान हैं इस बात से कि हम तो एक पल भी बात किये बिन रह नहीं पाते...
टूटने पर निराशा न हो न कोई सोच हो टूटने पर निराशा न हो न कोई सोच हो