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Dharitri Mallick

Tragedy Others

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Dharitri Mallick

Tragedy Others

" माफ़ कर देना हे पुरुष !!! "

" माफ़ कर देना हे पुरुष !!! "

2 mins
200


हैरान होती हूं मैं जब देखती हूं ...

की अब भी बहुत से मूर्ख, चांडाल हैं

जो किसी दूसरे, तीसरे, बाहर के

लोगों के बात सुन कर विश्वास करके

अपने ही प्रिय लोगों का दिल दिमाग

छला करते हैं

शक की नज़र से देखते हैं ।।


सिर्फ़ दिल ही नहीं तोड़ते बल्कि

उनको इतना अपमानित , लांछित

कर देते हैं कि फिर कोई

गुंजाइश नहीं बचती रिश्तों को

फिर से जीवित किया जाए ।।


देवी सीता माता को ही

इन्हीं लोगों के बात पे आके

प्रभु श्री राम ने

अपने ही प्रिये सीता जी को

किए थे तिरस्कार, लांछित,

लज्जित, अपमानित ।।

और देवी सीता माँ ने

अग्नि परीक्षा देते देते ...

अंत में अपने को ही अंत कर दी

धरती मां के गोद में ।।


कभी कोई पुरुष उस पीड़ा दर्द को

महसूस कर पाया है आज तक ???

कैसे भी करेंगे ?

सती नारी का जब जब बेवजह

लांछित, अपमानित, तिरस्कार होता है

उसकी पवित्रता पर उंगली उठाते हैं

तब तब सिर्फ़ तबाही, विनाश आया है ।।

क्या यही सब प्रमुख कर्म है पुरुषों का ??

किस हक से ? कौन हो तुम पुरुष ?

कहां से जन्मे हो तुम पुरुष ? ?


तुम्हारी पवित्रता का माप दंड क्या है ?

तुम सब कब अपनी परीक्षा दोगे ???

फ़िर भी हम इस रामायण से...

कुछ भी सीख हासिल न कर पाए ?

और आज भी देवी सीता मां को ही...

लोग बदनाम करते हैं, निंदा करते हैं ।।

अगर प्रभु श्री राम को बार बार

परखा जाता तो शायद सती देवी सीता

को ...

यूं अपना अंत न करना पड़ता !!!


न ही नारी को यूं सती होना पड़ता ।।

न आज भी नारी पुरुष के द्वारा

असुरक्षित उपेक्षित महसूस करती ।।

पुरुष तुम होते कौन हो ?

नारी के ऊपर यूँ अपना अवांछित हक़

बल जताने के लिये ???

माफ़ करना हे पुरुष जाती

हर सती नारी का मन बहुत पीड़ित है ...

आपके इस क्रूर अवगुणों से ।।

मौन से मौन तक रोती है ये रूह आज भी ....

माफ़ कर देना हे पुरुष !!!

माफ़ कर देना हे पुरुष !!!



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