लॉकडाउन के दूसरे दिन
लॉकडाउन के दूसरे दिन
दूसरे दिन की क्या बात करूँ?
जैसे सुनसान सड़कें थी
गलियां और बाजार थी
वैसे ही मेरे मन मे खालीपन था
जैसे सुखी नदी हो
चारों तरफ सन्नाटा था
और कोरोना का चर्चा था
लेकिन, दूसरे पल मेरा मन कहता
ठहर जा 21 दिनों तक
क्योंकि, सवाल राष्ट्रहित और
मानव सुरक्षा की है।