लोक तंत्र या लोप तंत्र
लोक तंत्र या लोप तंत्र
लोक तंत्र जनता का मंत्र तंत्र है
जनता राजा, जनता साशक।
जनता साशित, जनता की इच्छा की
भिक्षा के मत का बोध सत्य लोक तंत्र है !
लोकतंत्र है लोक मौजूद तंत्र लोप है
नेता बहुत है निति लोप है।
नारे बहुत है निति नहीं नियत साफ नहीं है
लोकतंत्र की राजनीती यही है !
जनता का धन जनता के द्वारा जनता के
लिए लोकतंत्र की भाषा परिभाषा।
साकार सत्य जनता के नेता जनता कि
खातिर लूट रहा का लूट तंत्र है !
लोकतंत्र में भ्रष्ट कौन है भ्रष्टाचार कहाँ है
मालिक जनता, नौकर जनता।
जनता का काम, जनता भगवान,
भगवान का तंत्र है, भगवान का मंत्र है।
जन, जन ही स्वयं का भाग्य भगवान
जन जन ही स्वयं का मत सहमत करता
स्वयं का विकास निर्माण राष्ट्र कहाँ है !
धन का धंधा, जातf का धंधा, धर्म का धंधा।
आदमी, इंसान का धंधा,
मंदिर मस्जिद का धंधा, खुदा भगवान का धंधा।
दिन ईमान का धंधा, मत बहुमत मताधिकार का धंधा,
सत्ता सामंती शक्ति की भक्ति है अँधा लोकतंत्र है !
हर पांच वर्ष में आता है त्योहारों का लोक तंत्र
पांच वर्ष तक अंतर ध्यान रहे
जनता के कल्याण की साध्य
साधना में तन्मय तल्लीन।
भाग्य विधाता प्रगट हुए विनम्र भाव से
वंदन करते जन जन से कहते।
पिछले पांच वर्ष की अथक
साधना से पाया है हमने यह ज्ञान
लोकतंत्र में मैं सेवक तू भगवान !
हे भगवान तेरी ही कृपा, तेरा ही दिया,
तेरी ही त्याग तपश्या का मुझे मिला वरदान।
भिखारी था तेरा दरबारी था
अब लक्ष्मी कुबेर दोनों ही मेरे हाथ।
कुछ सुरापान करो लक्ष्मी का दर्शन मात्र करो
पांच वर्ष का एक मौका दो फिर आराम करो !
हत्या लूट डकैती छिनैती दंगा
वलबा वलात्कार करवाता।
नारी अस्मत का व्यपारी नेता निति
नियत का नियंता निर्धारक
लोकतंत्र का पारिभाषक।
लोकतंत्र का हत्यारा लोकतंत्र को
लूट तंत्र बनता लोकतंत्र का परिहास बनाता !
ठग ठीकेदारी, हक़ हिस्सेदारी रिश्वत जिम्मेदारी।
चलते बढ़ते भारत में लोकतंत्र
लोक तंत्र की ताकत सारी !
लोकतंत्र जन, जन की
आत्म बोध का शासन।
व्यवहार जन जन के उम्मीदों अरमानों के
जमीं आकाश का सत्य सार्थक आचार लोकतंत्र है !!
जनता की इच्छा की परीक्षा
का त्यौहार, सत्कार का इम्तहान।
जन जन की सद्बुद्धि सहभागी का
लोकतंत्र संकल्प राष्ट्र निर्माण !
लोकतंत्र ताकत जनता की
जन जन का अभिमान जन जन का ईमान !