" लेखक की दक्षता "
" लेखक की दक्षता "
अनायास ही कविताओं का सृजन नहीं होता है
बहुत गंभीरता से विषयों का चयन करना पड़ता है !
छोटे -छोटे शब्दों में हम कविता की माला गढ़ते हैं
अपनी भावना के महलों को हम रंगरोदन करते हैं !
पढ़नेवाले तो बहुत कम हैं फिर भी तो ख्याल रखते हैं
उनकी समीक्षाओं और आभार का सम्मान सदा करते हैं !
सकारात्मक कविताओं को पढ़ने की सभी की चाह होती है
विवादित विषयों की लेखनी को सदा हर क्षेत्र में तिरस्कार होती है !
लेखनी में सत्यम, शिवम, सुंदरम का स्थान होना चाहिए हो सके तो
लेखकों की सुंदरतम लेखनी का अंदाज होना चाहिए !