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Priyanka Gupta

Inspirational

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Priyanka Gupta

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लाल रंग

लाल रंग

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एक लड़की सहमी सी ,

सकुचाई सी ,

सबसे नज़रें बचाकर ,

अपने कपडे सम्हालती ,

बार बार पीछे पलटकर,

अपने कपडे देखती ,

अपने आप पर शर्मिंदा सी ,

धीरे धीरे कदम बढ़ाती जा रही है। 


मेरी आँखें उसे घूरती ,

घबराहट का कारण ढूंढ़ती ,

अनजाने ही उसके कपड़ों से झांकते ,

लाल रंग को देखती ,

इसी रंग से तो मिली थी ,

जब आँखें पहली बार खुली थी ,

फिर सृजन के प्रतीक रंग पर ,

लड़की शर्मिंदा क्यूँ हो रही है। 


जब माथे पर सजे लाल रंग ,

तो सौभाग्य बन जाता ,

यही रंग जब हाथों में रचे ,

तो गहरी प्रीत कहलाता ,

नया जीवन देता यह रंग ,

हर लड़की को खास है बनाता,

मेरी आँखे उस खास लड़की को ,

मुसकुराते हुए जाने का सपना देख रही है। 


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