लाल रंग (ब्रह्मचारिणी मां)
लाल रंग (ब्रह्मचारिणी मां)
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मां ब्रह्मचारिणी की महिमा अपरंपार है,
मां करती है सबका कल्याण
वो करती है शेर की सवारी,
मैया "लाल रंग" ओढ़े चुनरी,
माता मैनावतीराजा-हिमाचल पिता,
चली मां सब भुलाय शिव को पाने,
सब कुछ छोड़ करने लगी मां तपस्या भारी,
मां की महिमा है बड़ी निराली
ब्रह्मचारिणी रूप मां का लगता है पावन,
देती है सबको मां आशीष
मां भरती है सबकी खाली झोलिया,
मां आपके दर जो भी आता जाता न खाली झोली !!