कविता
कविता
मन में अंकुरित भावनाओं के बीज
शब्द बनकर
उतरती है जब कोरे पन्ने पर
रुप और आकार लेती है कविता का।
कभी कल्पना,
कभी यथार्थ है कविता।
प्रीत की वेदना,
रुप का ऋंगार है कविता।
मां की लोरियां
पिता का दुलार है कविता।
भाई का स्नेह और
बहन का निस्वार्थ प्रेम है कविता।
सुख - दुःख, आँसू - मुस्कान
विरह - मिलन, आशा - निराशा
दर्द, टीस,वेदना, संवेदना
मन के मंथन से उपजे
भावों के मोती है कविता।
मन का दर्पण,जीवन दर्शन
हृदय का क्रंदन,सुखद आलिंगन
शब्द की शक्ति
और अभिव्यक्ति है कविता।
मेरे लिए कविता
मेरी हर अनुभूति को
व्यक्त करने का साधन है कविता।