कवि की नजर से
कवि की नजर से
किसी ने पूछा कवि क्या है ?
मैंने लिखा..
वह चरित्र जिसे हर विषय को
शब्द मे पिरोने का अनुभव है।
वह रूप जिसे हर लम्हे को
सजोने का लड़खपन हैं।
वह अवतार जिसमे प्रत्येक
वस्तु को देखने के नजरिये भिन्न हैं।
वह साहित्य जिसमें
स्वम् सरस्वती विराजमान हैं।
वह नृत्य जो बिना घुंगरू के बज उठता हैं।
वह संगीत जो गूंजने पर सबका
हिर्दय स्पर्श कर जाता हैं।
वह अश्क़ जो बिना झलके
मन मार्मिक कर जाता हैं।
वह कल्पना जो एक अदभुत
रचना का निर्माण करता हैं।
वह रहस्य जो हक़ीक़त को
कविताओं के जरिये सब
तलक पहुँचाना जानता हो।
कवि क्या है यह तो मुझे ज्ञात नहीं।
मुझे तो केवल लिखना आता हैं।