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कुछ यादें बस याद की जाती है

कुछ यादें बस याद की जाती है

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हमारा मिलना कोई इत्तेफ़ाक़ नहीं, वक़्त का लंबा इंतज़ार था

एक ऐसा इंतज़ार, मुक़द्दर में जिसके बस इंतज़ार था

तुम समझने की कोशिश करती रही, हर दफ़ा इस बात को

मैं मिटाने की कोशिश करता रहा, अपने अंदर जज़्बात को

मगर पलकों पर जमी कुछ बूंदों ने, सब कुछ बता दिया

दिल की गहराई में छुपा दिल का राज़, आँखों ने जता दिया

हमारे मिलने पर बारिश का होना, एक इशारा था

इशारा उस आसमान का, ज़मीं को जिसने संवारा था

कायनात की वो ख़ुशी भी, बादल बनके बरसती थी

घटाओं के संग-संग हवाओं की चूड़ियाँ खनकती थी

याद है तुम्हें! दर्द का वो ठिठुरता हुआ सर्द मौसम

जिसे हमने सुलगती हुई साँसों के सहारे गुज़ारा था

हमारा बिछुड़ना कोई इत्तेफ़ाक़ नहीं, वक़्त की गहरी साज़िश थी

एक ऐसी साज़िश, जिसका मक़सद हम दोनों की आज़माइश थी

तुम भुलाने की कोशिश करती रही, हर एक याद को

मैं लिखने की कोशिश करता रहा, हर एक जज़्बात को

मगर..कुछ यादें ना भुलाई जाती हैं, ना लिखी जाती हैं

कुछ यादें बस याद की जाती हैं, कुछ यादें बस याद की जाती हैं।


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