कुछ नहीं
कुछ नहीं
दिल ए बा वफ़ा ए नूर चांदनी ए जगमगाहट कुछ नहीं
हिजाब ए दर्द ए दिलम आंचल ए सरसराहट कुछ नहीं
यह पायलो की छन छन यह राग ए रागनी तन बदन
शब ए दर्द आह के आगे पनघट ए गुनगुनाहट कुछ नहीं
कुछ नहीं कुछ तो है यहां वहा नहीं कहां कहीं तो है
यह दर्द भरे जख्मो पर सर्द ए झुनझुनाहट कुछ नहीं
निगाह ए जाम व तर्ज़ ए हुस्न ए कमाल में खो कर हम
सोचते है कफस ए परिंदगान ए फड़फड़ाहट कुछ नहीं
मुझ से तेरा रिश्ता तुझ से मेरा रिश्ता कुछ अनोखा है
की जेर ए गर्दन आबदार खंजर और छटपटाहट कुछ नहीं
हुस्न ए हसीन के ख्वाबों में कुछ इस तरह गुम है हसन
बा आबरू से बे आबरू हुए और मुस्कुराहट कुछ नहीं।
जेर ए गर्दन आबदार खंजर ( गर्दन के नीचे धारदार खंजर )