कुछ इस तरह
कुछ इस तरह
दर्द ए गम को गले लगाना है
जिन्दगी ए सफ़र यूं बिताना है
याद में आपकी पल पल
छलकते हुए आँसू छुपाना है
पशोपेश में रहे इस तरह फिर
जीवन की तकलीफों को पाना है
प्रेम की डगर इतनी सीधी नहीं
सोचकर हमें यही हंसते जाना है।
नाम हो अपना इसकी परवाह कहां
सुकून को अंजाम तक लाना है।